दोस्तों में सीमांचल आप सभी को स्वागत करता हूं मेरा वेबसाइट पर दोस्तों मैं आज आपको बताऊंगा कि कैसे आप याद कर सकते हो इंडियन हिस्ट्री के बारे में भारत इतिहास के बारे में और मोहम्मद गौरी के बारे में आज मैं आपको सारे के सारे जानकारी देने वाले हो इस लेसन में और हम बात करेंगे क्लास एस्से क्लास 12th तक सारे के सारे जनरल नॉलेज ज्ञान तो चलिए शुरू करते हैं मोहम्मद घोरी के बारे में और जानते हैं उनके भारत की छत से जुड़ी सारे के सारे जानकारी तो चलिए शुरू करते हैं
मोहम्मद गवरी जोगी एक विदेशी शासक थे उन्होंने भारत पर अपनी पहले आंखों पकाई थी 1191 में यानी कि पहला की रैली उससे उन्होंने भारत को शासन करने की फैसला कर ली थी उससे पहले उन्होंने दूसरे लोगों और राजा से सुनीत है कि भारत में बहुत सारे धन रतन परिपूर्ण है और भारत में सोने रुपए हीरे और बहुत सारे मूल्यवान पर आते हैं तो वह सारे धन रतन को लॉन्च कर अपने देश में उन्नति साधना करने के लिए उन्होंने भारत पर आक्रमण करने की फैसला ली थी उन्होंने पहला आक्रमण किए थे 1191 में और उनके युद्ध हुई थी पृथ्वीराज चौहान के साथ जिस युद्ध में मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान के सेनाओं से लड़कर परास्त हुए थे लेकिन मोहम्मद घोरी के मन में यह रह गई थी कि उन्होंने जैसे भी हो भारत पर अपनी कब्जा करके भारत की धन रतन लूटना उनका लक्ष्य था मोहम्मद घोरी 1175 में मुल्तान अपने कब्जे में कर के भारत की आक्रमण की पथ को परिष्कार किए थे
प्रथम पीढ़ी युद्ध के ठीक 1 साल बाद यानी 1192 फिर से एक आक्रमण किए थे मोहम्मद गोरी ने दिल्ली के ऊपर और उस युद्ध में रसिया चौहान को उन्होंने परास्त करके दिल्ली के ऊपर अपना कब्जा बनाया था और उसी टाइम और एक राजा ने दिल्ली के आसपास शासन करते थे उनका नाम था जय चंद्र उन्होंने मोहम्मद गौरी को दूसरी आपने राज्यों के सहायता लेते हुए मोहम्मद गौरी के साथ युद्ध करने की फैसला ली थी और उस युग में मोहम्मद गोरी के ताकत के एक विभाग चंद्र नहीं थे इसलिए उनका प्राप्त होना जरूरी था और उन्होंने पढ़ती हो गए लेकिन उस परस्त से मोहम्मद घोरी दिल्ली के साथ साथ उनके आसपास के सारे के देशों के ऊपर उन्होंने कब्जा बना ली और उसका जो मुझसे रूठ कर के बहुत सारे धन रतन मुनी मुक्ता और बहुत सारे धन रतन को अपने देश में लेकर चले गए
ऐसी एक राजा की कहानी समाप्त होती है 1234 बाद में 1206 क्रिस्टल में मोहम्मद गोरी की मृत्यु हुई थी उस मृत्यु से भारत एक भयानक और गोरी रानी की बहुत एक भयानक राजा और एक शोषणकारी राजा की हाथ से मुक्ति पाई थी और मोहम्मद गौरी के मृत्यु के बाद उनका जो सुना पति कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली में अपना राजू तत्व यानी कि एक नया राज्य वंश की स्थापना की थी जिसका नाम था दास वंश उसको हम लोग दिल्ली सुल्तान की चैप्टर में पड़ेंगे तो दोस्तों आज के लिए इतना ही रहती हूं मैं सीमांचल आपसे विदा लेती हूं फिर एक नया टोपी के साथ मिलते हैं उस टाइम के लिए आप पढ़ सकते हो हमारा दूसरे जो लहसुन से उसको पढ़ सकते हो और अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हो ज्ञान बड़ा ना कोई बड़ा काम नहीं है दोस्तों याद रखिए ज्ञान बड़ा ना कोई बड़ा काम नहीं है बड़ा तो आपकी मन होना चाहिए आपको पढ़ना चाहिए जितना ज्यादा पढ़ोगे आपकी ज्ञान इतना बढ़ जाएगा और आप अपना एक्सपीरियंस गैंग करते रहोगे और आपकी नॉलेज भी बढ़ेगी और आपकी माइंड भी डेवलप हो जाओगे ,
मोहम्मद गवरी जोगी एक विदेशी शासक थे उन्होंने भारत पर अपनी पहले आंखों पकाई थी 1191 में यानी कि पहला की रैली उससे उन्होंने भारत को शासन करने की फैसला कर ली थी उससे पहले उन्होंने दूसरे लोगों और राजा से सुनीत है कि भारत में बहुत सारे धन रतन परिपूर्ण है और भारत में सोने रुपए हीरे और बहुत सारे मूल्यवान पर आते हैं तो वह सारे धन रतन को लॉन्च कर अपने देश में उन्नति साधना करने के लिए उन्होंने भारत पर आक्रमण करने की फैसला ली थी उन्होंने पहला आक्रमण किए थे 1191 में और उनके युद्ध हुई थी पृथ्वीराज चौहान के साथ जिस युद्ध में मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान के सेनाओं से लड़कर परास्त हुए थे लेकिन मोहम्मद घोरी के मन में यह रह गई थी कि उन्होंने जैसे भी हो भारत पर अपनी कब्जा करके भारत की धन रतन लूटना उनका लक्ष्य था मोहम्मद घोरी 1175 में मुल्तान अपने कब्जे में कर के भारत की आक्रमण की पथ को परिष्कार किए थे
प्रथम पीढ़ी युद्ध के ठीक 1 साल बाद यानी 1192 फिर से एक आक्रमण किए थे मोहम्मद गोरी ने दिल्ली के ऊपर और उस युद्ध में रसिया चौहान को उन्होंने परास्त करके दिल्ली के ऊपर अपना कब्जा बनाया था और उसी टाइम और एक राजा ने दिल्ली के आसपास शासन करते थे उनका नाम था जय चंद्र उन्होंने मोहम्मद गौरी को दूसरी आपने राज्यों के सहायता लेते हुए मोहम्मद गौरी के साथ युद्ध करने की फैसला ली थी और उस युग में मोहम्मद गोरी के ताकत के एक विभाग चंद्र नहीं थे इसलिए उनका प्राप्त होना जरूरी था और उन्होंने पढ़ती हो गए लेकिन उस परस्त से मोहम्मद घोरी दिल्ली के साथ साथ उनके आसपास के सारे के देशों के ऊपर उन्होंने कब्जा बना ली और उसका जो मुझसे रूठ कर के बहुत सारे धन रतन मुनी मुक्ता और बहुत सारे धन रतन को अपने देश में लेकर चले गए
ऐसी एक राजा की कहानी समाप्त होती है 1234 बाद में 1206 क्रिस्टल में मोहम्मद गोरी की मृत्यु हुई थी उस मृत्यु से भारत एक भयानक और गोरी रानी की बहुत एक भयानक राजा और एक शोषणकारी राजा की हाथ से मुक्ति पाई थी और मोहम्मद गौरी के मृत्यु के बाद उनका जो सुना पति कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली में अपना राजू तत्व यानी कि एक नया राज्य वंश की स्थापना की थी जिसका नाम था दास वंश उसको हम लोग दिल्ली सुल्तान की चैप्टर में पड़ेंगे तो दोस्तों आज के लिए इतना ही रहती हूं मैं सीमांचल आपसे विदा लेती हूं फिर एक नया टोपी के साथ मिलते हैं उस टाइम के लिए आप पढ़ सकते हो हमारा दूसरे जो लहसुन से उसको पढ़ सकते हो और अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हो ज्ञान बड़ा ना कोई बड़ा काम नहीं है दोस्तों याद रखिए ज्ञान बड़ा ना कोई बड़ा काम नहीं है बड़ा तो आपकी मन होना चाहिए आपको पढ़ना चाहिए जितना ज्यादा पढ़ोगे आपकी ज्ञान इतना बढ़ जाएगा और आप अपना एक्सपीरियंस गैंग करते रहोगे और आपकी नॉलेज भी बढ़ेगी और आपकी माइंड भी डेवलप हो जाओगे ,
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